भले ही दिल्ली में AAP ने खोया बड़ा चेहरा, दलबदल की रेस में अभी भी बीजेपी से आगे, समझिए पूरी बात

नई दिल्ली: दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बीजेपी अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी सरकार को घेरने में लगी हुई है। नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी जारी है। आप के सीनियर नेता कैलाश गहलोत बीजेपी में शामिल

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नई दिल्ली: दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बीजेपी अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी सरकार को घेरने में लगी हुई है। नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी जारी है। आप के सीनियर नेता कैलाश गहलोत बीजेपी में शामिल हो गए। लेकिन इसके बाद भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी मजबूत स्थिति में दिख रही है। वजह है कांग्रेस के कई पूर्व विधायक पार्टी छोड़कर आप में शामिल हो रहे हैं। दल बदलने का यह सिलसिला दिल्ली की राजनीति में बीजेपी और आप के बीच मुकाबला और रोचक बना रहा है। 2013 के बाद से दिल्ली में कांग्रेस की जमीन लगभग खत्म हो गई है, पार्टी अपनी खोई हुई जमीन पाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है।

कांग्रेस के कई नेता हुई AAP में शामिल

दिल्ली में कांग्रेस की स्थिति ठीक नहीं है। यही वजह है कि पिछले दो महीने में कई कांग्रेस नेता आम आदमी पार्टी का दामन थाम चुके हैं। इसमें ज़ुबैर चौधरी, उनके पिता मतीन चौधरी, वीर सिंह ढींगान और सुमेश शौकीन जैसे बड़े नाम शामिल हैं। ज़ुबैर चौधरी बाबरपुर इलाके में कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते थे। उनके पिता मतीन चौधरी पांच बार विधायक रहे हैं। वीर सिंह धींगान सीमापुरी से तीन बार के विधायक रह चुके हैं। सुमेश शौकीन मटियाला से एक बार विधायक रहे हैं और चार बार चुनाव लड़ चुके हैं।

क्या मजबूत होगी आम आदमी पार्टी?

इन नेताओं के आप में शामिल होने से पार्टी मजबूत हुई है। कांग्रेस के ये नेता हाल के चुनावों में आप उम्मीदवारों से चुनाव हारे थे। हालांकि आप का मानना है कि इन नेताओं की इनके क्षेत्रों में मजबूत पकड़ है। आप ने इन नेताओं को उनके पुराने विधानसभा क्षेत्रों से टिकट देने का वादा किया है। माना जा रहा है कि ज़ुबैर चौधरी सीलमपुर से, वीर सिंह धींगान सीमापुरी से और सुमेश शौकीन मटियाला से चुनाव लड़ेंगे।

'आप के लिए फायदेमंद साबित होंगे ये नेता'

आप का कहना है कि उन्होंने अपने मतभेदों को भुलाकर इन नेताओं को पार्टी में शामिल किया है। हमने देखा है कि इन नेताओं का अपने इलाकों में अब भी अच्छा प्रभाव है। लोग अक्सर कहते हैं कि पहले वाले विधायक ज्यादा काम करते थे। इसलिए हमें उम्मीद है कि ये नेता हमारे लिए फायदेमंद साबित होंगे।

कांग्रेस ने क्या कहा?

दूसरी तरफ, कांग्रेस ने इन नेताओं के आप में जाने को ज़्यादा तवज्जो नहीं दी है। कांग्रेस नेता ने कहा, 'जब हम मैदान में उतरेंगे तो जनता को पता चल जाएगा कि असली ताकत किसके पास है।' दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने इन नेताओं के आप में शामिल होने को अवसरवाद बताया। उन्होंने कहा कि यह दल-बदल का मौसम है। पहले बीजेपी भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर नेताओं को खरीदती थी। अब आप भी वही कर रही है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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